Kriti Kumari Murder Case Jab Dosti me Best Friend Ne Gavayi jaan

Kriti Kumari की दर्दनाक कहानी दोस्ती, ईर्ष्या और विश्वासघात के काले पहलुओं को उजागर करती है, जो सुरक्षा की अहमियत बताती है।

“पढ़ने का मन नहीं है? तो हमारी ऑडियोबुक के ज़रिए इस खौफनाक कहानी का मज़ा लीजिए—बस प्ले दबाइए और कहानी में खो जाइए!” 👇👇👇


परिचय:

यह कहानी कृति कुमारी ( Kriti Kumari ) की है, जो बिहार की एक साधारण लड़की थी, लेकिन अपनी मेहनत और काबिलियत के बलबूते उसने बैंगलोर में एक अच्छे करियर की शुरुआत की। पर अफसोस, उसकी मेहनत और सपनों का अंत एक क्रूर हत्या से हुआ। इस केस में दोस्ती, विश्वासघात, और प्रेम में पनपने वाले नफरत का मिश्रण है। कृति कुमारी का यह केस केवल एक व्यक्तिगत घटना नहीं, बल्कि हमारे समाज की कई समस्याओं की ओर इशारा करता है। इस कहानी में प्रेम, जलन, और बदले की भावना किस हद तक जा सकती है, इसका उदाहरण मिलता है।

Kriti Kumari का परिचय:

कृति कुमारी ( Kriti Kumari) का जन्म 2000 में बिहार के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उसके माता-पिता ने उसे एक शिक्षित और आत्मनिर्भर महिला बनाने का सपना देखा था, और कृति ने भी इस सपने को साकार करने के लिए बचपन से ही कड़ी मेहनत की। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, उसने MBA की डिग्री हासिल की और जनवरी 2024 से बैंगलोर में एक बिजनेस डेवलपमेंट एसोसिएट के तौर पर काम करने लगी।

बैंगलोर कृति के लिए एक नई जगह थी, और शुरुआत में उसे अकेलापन महसूस होता था। वह अपने दोस्तों और परिवार से दूर थी, लेकिन अपनी नौकरी और करियर के प्रति प्रतिबद्ध थी। हालांकि, उसके पास बैंगलोर में कुछ खास दोस्त नहीं थे, लेकिन धीरे-धीरे उसने अपने सहकर्मियों के साथ दोस्ती कर ली। उनमें से एक दोस्त कृति के लिए बेहद खास बन गई। दोनों की दोस्ती इतनी गहरी हो गई थी कि वे एक-दूसरे के साथ अपना हर सुख-दुख बांटती थीं।

Kriti की दोस्त की कहानी:

कृति की यह खास दोस्त महाराष्ट्र से थी और बैंगलोर में अपने बॉयफ्रेंड अभिषेक घोष के साथ रहती थी। अभिषेक और कृति की दोस्त का रिश्ता काफी समय से था, लेकिन अभिषेक की नौकरी छूट जाने के बाद उनके बीच लगातार झगड़े होने लगे। अभिषेक अपने गुस्से और निराशा को अपनी गर्लफ्रेंड पर निकालता था, और उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करता था।

कृति को यह सब देख बहुत बुरा लग रहा था। उसने अपनी दोस्त को इस टॉक्सिक रिलेशनशिप से बाहर निकलने का सुझाव दिया। कृति ने उसे अपने अपार्टमेंट में रहने की पेशकश की, और उसकी दोस्त ने भी तुरंत यह प्रस्ताव मान लिया। अब दोनों एक साथ कृति के अपार्टमेंट में रहने लगे। कृति का अकेलापन भी दूर हो गया और उसकी दोस्त ने भी अभिषेक से छुटकारा पा लिया।

अभिषेक की नाराजगी और गुस्सा:

हालांकि, यह शांति बहुत ज्यादा दिनों तक नहीं टिकी। अभिषेक को अपनी गर्लफ्रेंड का उसे छोड़ देना और कृति के साथ रहने का फैसला नागवार गुजरा। वह मानने लगा कि उसकी रिलेशनशिप के खत्म होने की वजह कृति ही है। गुस्से में आकर अभिषेक ने कृति को धमकाना शुरू कर दिया। उसने कृति और अपनी एक्स-गर्लफ्रेंड के फोन पर लगातार कॉल्स किए, पर जब दोनों ने उसे ब्लॉक कर दिया, तो उसका गुस्सा और भड़क गया।

अभिषेक के इस खतरनाक रवैये को देखते हुए कृति ने अपने और अपनी दोस्त की सुरक्षा के लिए एक नया पीजी ढूंढ लिया और वहां शिफ्ट होने का फैसला किया। लेकिन अभिषेक के मन में बदले की आग धधक रही थी, और वह इस फैसले से रुकने वाला नहीं था।

Kriti Kumari ki हत्या की रात:

23 जुलाई 2024 की रात कृति के जीवन की आखिरी रात साबित हुई। रात के करीब 11 बजकर 5 मिनट पर कृति अपने पीजी में आराम कर रही थी, तभी उसके दरवाजे पर किसी ने जोर से दस्तक दी। कृति ने दरवाजा खोला तो सामने अभिषेक खड़ा था। उसके हाथ में एक प्लास्टिक बैग था, जिसमें एक चाकू छिपा हुआ था।

Kriti Kumari

पीजी में बिना परमिशन किसी को आने की अनुमति नहीं थी, फिर भी अभिषेक सुरक्षा उपायों को दरकिनार करते हुए अंदर आ गया। कृति को अभिषेक के चेहरे से साफ दिख रहा था कि वह बेहद गुस्से में था और कुछ अनहोनी करने वाला था। कृति ने दरवाजा बंद करने की कोशिश की, लेकिन इससे पहले कि वह कुछ कर पाती, अभिषेक ने चाकू निकाल लिया और उस पर हमला कर दिया।

हमला और Kriti Kumari की मौत:

अभिषेक ने चाकू से कृति पर बार-बार वार किया। उसके सिर, गर्दन, छाती और पेट पर अभिषेक ने कई घातक हमले किए। कृति अपने बचाव की हर कोशिश कर रही थी, लेकिन अभिषेक के गुस्से के आगे वह बेबस हो गई। पीजी की कुछ लड़कियां शोर सुनकर दौड़ीं, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अभिषेक ने भागने से पहले कृति की गर्दन पर आखिरी वार किया ताकि उसकी मौत सुनिश्चित हो जाए।

कृति ने अपनी आखिरी सांसे वहीं लीं। कोई भी लड़की उसकी मदद के लिए आगे नहीं आई। कुछ देर बाद एंबुलेंस बुलाई गई, लेकिन कृति की जान नहीं बच पाई।

जांच और निष्कर्ष:

इस खौफनाक घटना का सबसे चौंकाने वाला पहलू यह था कि अभिषेक ने बिना किसी परमिशन और सिक्योरिटी गार्ड्स की जानकारी के पीजी में प्रवेश कैसे किया। जांच में यह सामने आया कि पीजी में बायोमेट्रिक सिक्योरिटी सिस्टम तो था, लेकिन उसे शायद ही कभी इस्तेमाल किया जाता था। सिक्योरिटी गार्ड भी उस समय अपने परिवार के साथ खाना खा रहे थे, जिससे अभिषेक बिना किसी रोक-टोक के अंदर आ गया था।

पीजी के सीसीटीवी कैमरों में अभिषेक की हरकतें कैद हो गई थीं, जिसके आधार पर पुलिस ने उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया।

निष्कर्ष:

कृति कुमारी ( Kriti Kumari )का यह दर्दनाक अंत हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि हम अपनी और अपने दोस्तों की सुरक्षा को लेकर कितने असुरक्षित हो सकते हैं। यह घटना एक बार फिर से यह सवाल उठाती है कि क्यों किसी भी प्रेम या रिश्ते में हिंसा, ईर्ष्या और बदले की भावना को जगह दी जाती है। कृति ने सिर्फ अपनी दोस्त की मदद करना चाही थी, लेकिन उसकी यह मदद उसकी जान की कीमत पर चुकानी पड़ी।

More From Author

“Zila Huma Usman”A Martyr for Equality:

Kolkata Doctor case : Ek Doctor ka Dardnaak Ant