तिलबती गोंड की दर्दनाक प्रेम कहानी, जो धोखे और हत्या में बदल गई। जानें इस भयानक घटना की सच्चाई और उसके प्रभाव।
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प्यार एक ऐसा एहसास है, जिसे समझ पाना बेहद मुश्किल होता है। यह ऐसा एहसास है, जिसमें किसी के प्रति हर दिन लगाव बढ़ता जाता है। जो भी इस अनोखे प्यार में डूब जाता है, वह पहले से अधिक खुश और खूबसूरत महसूस करता है। लेकिन कभी-कभी, यह प्यार एक खतरनाक मोड़ भी ले सकता है। ऐसा ही एक मामला था तिलबती गोंड और चंद्रा राउत का, जो एक प्रेम कहानी से शुरू हुआ, लेकिन अंत में एक भयानक हत्या में बदल गया।
तिलबती गोंड की एक खुशहाल शुरूआत
तिलबती गोंड, 23 वर्ष की एक खूबसूरत और होशियार लड़की थी। वह अपने परिवार की सबसे छोटी संतान थी और उसकी पढ़ाई में गहरी रुचि थी। उसे चित्रकारी, सिलाई-कढ़ाई और पढ़ाई का बहुत शौक था। उसने 12वीं कक्षा पास करने के बाद कई कोर्स भी किए और नौकरी पाने के लिए लगातार प्रयास कर रही थी। उसका सपना था कि वह एक अच्छी नौकरी पाए और अपने परिवार का नाम रोशन करे।
वहीं, चंद्रा राउत, एक युवक था जो तिलबती के गांव से था। एक दिन, जब तिलबती बाजार जाने के लिए बस का इंतजार कर रही थी, तभी चंद्रा उसके पास आया। दोनों की नजरें मिलीं और उन्होंने बातचीत शुरू की। चंद्रा ने उसे कहा कि वह उसे बाजार तक छोड़ सकता है। इस पहली मुलाकात ने दोनों के बीच एक अनकही समझदारी और आकर्षण का जन्म दिया।
प्यार का इजहार और धोखा
धीरे-धीरे, चंद्रा और तिलबती के बीच दोस्ती बढ़ने लगी। चंद्रा उसे रोज-बाइक से पास के कस्बे में ले जाने लगा, जहाँ तिलबती सिलाई का कोर्स कर रही थी। उनके बीच बातचीत के दौरान, तिलबती ने महसूस किया कि चंद्रा उसकी तरफ आकर्षित होता जा रहा है। एक दिन, चंद्रा ने उसे होटल में बुलाया और अपने प्यार का इजहार किया। तिलबती, जो पहले से ही उसे पसंद करती थी, उसके प्यार को स्वीकार कर लिया।
लेकिन यह सब कुछ सुंदर नहीं था। तिलबती की सहेली निर्मला ने उसे चेतावनी दी कि चंद्रा पहले से ही शादीशुदा है और उसके बच्चे भी हैं। यह सुनकर तिलबती का दिल टूट गया। उसे महसूस हुआ कि वह चंद्रा के जाल में फंस गई थी। उसने तय किया कि उसे चंद्रा से इस बारे में बात करनी होगी और उसे सबक सिखाना होगा।
खौफनाक हत्या
एक दिन, तिलबती ने चंद्रा से मिलने का फैसला किया। वह उसके घर गई और उसे सब कुछ बताने लगी। चंद्रा और उसकी पत्नी सिया ने उसे शांत करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें अपनी योजना पर काम करने का सही समय मिल गया। जब तिलबती ने चंद्रा पर गुस्से में आकर सवाल किए, तब सिया ने दरवाजा बंद कर दिया और दोनों ने मिलकर तिलबती की पिटाई की। जब तिलबती घायल हो गई, तो उन्होंने उसका गला दबाकर हत्या कर दी।
इसके बाद, उन्होंने तिलबती की लाश को 31 टुकड़ों में काट डाला और उसे जंगल में दफनाने के लिए ले गए। वहाँ उन्होंने एक गड्ढा खोदा और लाश के टुकड़ों को दफन कर दिया। हत्यारे ने लाश के टुकड़ों के ऊपर नमक भी डाल दिया ताकि वह जल्दी सड़ जाए।
तिलबती गोंड की हत्या का खुलासा
हालाँकि, चंद्रा और सिया ने सोचा कि उनकी योजना सफल हो गई है और कोई उन्हें पकड़ नहीं सकेगा। लेकिन यह नहीं हुआ। रात के अंधेरे में, जंगली जानवरों ने गड्ढे को खोद डाला और तिलबती के शरीर के टुकड़े बाहर आ गए। यह घटना पूरे गांव में चर्चा का विषय बन गई और पुलिस को सूचित किया गया।
पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू की और अंततः चंद्रा और सिया को गिरफ्तार कर लिया। तिलबती का परिवार टूट गया था, और गांव में सन्नाटा छा गया था। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि प्यार कभी-कभी धोखे और अपराध में बदल सकता है।
अंत में
तिलबती की हत्याकांड ने एक बार फिर यह साबित किया कि प्यार का सही मतलब समझ पाना बहुत मुश्किल होता है। इस दर्दनाक घटना ने ना सिर्फ तिलबती के परिवार को बल्कि पूरे गांव को हिला कर रख दिया। यह कहानी हमें याद दिलाती है कि हमें प्यार के मामले में सतर्क रहना चाहिए और कभी भी किसी के प्रति अपनी भावनाओं को अंधा होकर नहीं छोड़ना चाहिए।
इस घटना ने समाज में एक नया सवाल खड़ा किया है—क्या हम सच में प्यार को समझते हैं, या यह बस एक भ्रम है? तिलबती की याद हमेशा जिंदा रहेगी, और उसकी कहानी एक चेतावनी के रूप में हमें सिखाएगी कि प्यार और विश्वास को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए।